अंहकार की भावना, रखकर चलते लोग। शुभ घड़ी मिली नहीं, जैसे कौरव योग।। अंहकार की भावना, रखकर चलते लोग। शुभ घड़ी मिली नहीं, जैसे कौरव योग।।
कील आदमी के विकास के लिए है न कि विनाश के लिए। कील आदमी के विकास के लिए है न कि विनाश के लिए।
समाज के सम्पूर्ण विकास को, तभी सशक्त कर पायेंगे। जब हम सम्पूर्ण विकास को, सम्पूर्णत समाज के सम्पूर्ण विकास को, तभी सशक्त कर पायेंगे। जब हम सम्पूर्ण विकास को, ...
वही मुस्कान उस दीनदयाल की प्रभु मुस्कान कहलाती है। वही मुस्कान उस दीनदयाल की प्रभु मुस्कान कहलाती है।
सपने से मैं जागा तो यही समझ में आया, स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं है जैसा हमने बनाया। सपने से मैं जागा तो यही समझ में आया, स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं है जैसा हमने ब...